बिहार में गिर सकती है एक बार फिर से नीतीश कुमार की सरकार

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पटना (विक्रमादित्य कुमार ): नितीश कुमार के आउटसोर्सिंग में आरक्षण का मामला अब राजनीतिक गलियारों में तूल पकड़ता जा रहा है, अगर बिगत कुछ दिनों को याद करें तो आज से चंद दिनों पहले तेजस्वी यादव ने भविष्यवाणी किया था कि एनडीए की सरकार बिहार में 6 महीने के अंदर ही गिर जाएगी, और यह भविष्यवाणी अब लगभग सत्य होता दिखने लगा है, क्योंकि बिहार सरकार में शामिल घटक दल के नेता आउटसोर्सिंग आरक्षण के फैसले को गलत बताते हुए सवाल उठाना शुरु कर दिए हैं बिहार सरकार के घटक दल बीजेपी के वरिष्ठ नेता भी इस बातों में अपने सुर लगा रहे हैं !

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एनडीए के कई ऐसे स्वर्ण समाज के नेता हैं जो कि आउटसोर्सिंग आरक्षण के विरोध में सड़कों पर उतरने की भी बात कर रहे हैं हालांकि इस जानकारी की पुष्टि नहीं हो सकी है, इस पर कुछ भी अनुमान करना गलत होगा लेकिन यह साबित जरूर हो गया है कि तेजस्वी यादव को यह पहले से ही अनुमान था कि एनडीए और जदयू की सरकार में आगे क्या होने वाला है, नीतीश कुमार के इस फैसले से सरकार के कई नेता नाराज हैं !

सूत्रों से जानकारी जो मिल रही है उसके अनुसार पार्टी में सब कुछ ठीक कर लेने की बात कही जा रही है अब आगे क्या होता है इस पर कुछ भी कहना गलत होगा क्योंकि राजनीति में कब क्या हो जाए कोई नहीं जानता ! ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि बिहार सरकार में रहते हुए कोई नेता विरोध कैसे कर पाएंगे अगर सूत्रों से मिली जानकारी अगर सच सावित होती है तो बिहार में सरकार भी गिरना तय है ,क्योंकि इतिहास में यह कभी नहीं हुआ है कि कोई भी घटक दल सरकार में शामिल हो और उसके नेता सड़कों पर विरोध कर रहे हो , अगर आउटसोर्सिंग के मुद्दे पर विरोध हुआ तो सरकार भी गिर जाना तय माना जा रहा है !

दरअसल सवर्ण समाज के नेताओं का कहना है कि निजी क्षेत्रों में रिजर्वेशन का मैं इसलिए विरोध कर रहा हूं, क्योंकि अभी इसकी कोई आवश्यकता नहीं है. पहले से जो आरक्षण है उसे ठीक से लागू किये जाने की जरूरत है. सरकार को पिछड़े लोगों की पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए.

भाजपा नेता सी. पी. ठाकुर ने भी कहा है  कि निजी क्षेत्रों में आरक्षण लागू करने से लोगों को लगेगा कि हमारे पास जो थोड़ा अधिकार है उसपर भी सरकार रोक लगा रही है. इसलिए यह उचित नहीं है.

ठाकुर ने कहा कि निजी क्षेत्रों में रिजर्वेशन लागू करने से बिहार में निवेश प्रभावित हो सकता है. बाहर के निवेशक बिहार नहीं आएंगे. साथ ही पब्लिक में इसका रिएक्शन हो सकता हैं और सरकार को लोगों को विरोध झेलना पड़ सकता हैं जिसे सरकार शायद संभाल नहीं पाए.

सीपी ठाकुर के आउटसोर्सिंग में आरक्षण के बयान पर जदयू ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि डॉक्टर साहब को इस मामले को अपने पार्टी में उठाना चाहिए. नीतीश कुमार की सरकार जिसमें भाजपा भी शामिल है , आरक्षण लागू करने का फैसला लिया है.

वहीं हम (से.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि सीपी ठाकुर का बयान उनका व्यक्तिगत बयान है. राजग के किसी दल का यह बयान नहीं हो सकता है, ऐसे में कौन क्या बोलता है उस पर ध्यान देने की जरुरत है.

दैनिक टुडे के राजनीतिक गलियारों में रहने वाले संवाददाताओ की माने तो विरोध करने वाले कोई एक नही हैं बल्कि हर स्वर्ण नेता इसमें कूद पड़ने का मौका चाहेगा !

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