पटना (दैनिक टुडे , संबाददाता): बिहार के सबसे उभरते नेताओं में से एक घोषी ,जहानाबाद के पूर्व विधायक एवं हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा युवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल कुमार ने गुरुवार को बिहार में राजग सरकार द्वारा आउटसोर्स सेवाओं में आरक्षण शुरू करने के लिए सरकार के इस फैसले पर असमर्थता जाहिर करते हुए सवाल उठाया है, तथा कहा है कि इससे लोगों में असंतोष पैदा होगी तथा बिहार राज्य जो ऐसे ही पिछड़े राज्यों की श्रेणी में आता है , सरकार के इस फैसले से निवेश में कमी आ सकती है। पूर्व विधायक राहुल कुमार ने कहा कि “मुझे लगता है कि आउटसोर्स सेवाओं में आरक्षण शुरू करने की कोई आवश्यकता नहीं है। सरकार को चाहिए कि पहले से जो कोटा प्रणाली में आरक्षण है उस प्रणाली के बेहतर कार्यान्वयन करने की जरूरत है।
दैनिक टुडे प्रतिनिधि बिक्रमादित्य कुमार से बातचीत में उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार को सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के बीच शिक्षा के प्रसार के लिए और अधिक ध्यान देना चाहिए , पूर्व विधायक ने जोर देते हुए कहा कि आरक्षण का लाभ जिन लोगों को मिलना चाहिए उसके लिए ना प्रयास कर सरकार सिर्फ़ इसे वोट बैंक का मुद्दा बना रही है। आज की ज़रूरत सबको रोज़गार है, एक तो रोज़गार के अवसर सिमट रहे हैं, और ऊपर से ये क़दम ग़रीब सवर्ण पर अत्याचार है, और इसका परिणाम अच्छा नहीं होगा, उन्होंने नीतीश सरकार के इस गरीब विरोधी नीति का विरोध करते हुए कहा कि ग़रीबी जाती देख के नहीं आती है, ना ही आदमी का पेट !
भूख एक ग़रीब सवर्ण को भी लगती है, ये बात नीतीश जी को समझना होगा,
वो आरक्षण पर बात करने के बजाए राज्य के शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर ध्यान दें तो परिणाम ज्यादा बेहतर और दूर लक्षि होंगे , बिहार के इस उभरते हुए राजनेता एवं पूर्व विधायक ने कहा, “फैसला बिहार के बाहर एक असहनीय संदेश भेज सकता है। राज्य के बाहर से निवेशकों को बिहार में अपने पैसे देने के लिए निराशा पैदा हो सकता है, इसके लिए बिहार सरकार को होम वर्क करने की जरूरत है !