पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सचिवालय संवाद में आयोजित कार्यक्रम में रिमोट के द्वारा उर्जा विभाग के 2650.51 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास किया । उन्होंने बिजली वितरण के फ्रेंचाइजी मॉडल पर नाराजगी जताते हुए लोगों से अपील की कि बिना जरूरत बिजली की खपत न करें, जितना जरूरी हो उतना ही बिजली का उपयोग करें।
साल के अंत तक सभी गांव में बिजली पहुंचाना हमारा लक्ष्य…
नीतीश कुमार ने कहा कि इस साल के अंत तक सभी गांव में बिजली पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि लगभग 633 गाँव ऐसे है जहाँ अभी तक बिजली नहीं पहुंची है। उर्जा विभाग के रिपोर्ट के अनुसार पटना, सारण, खगड़िया आदि के 157 गांव जो दियारा क्षेत्र में पड़ते हैं वहां ट्रांसमिशन टावर के माध्यम से बिजली पहुंचाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उर्जा विभाग द्वारा यह भी बताया गया कि पश्चिम चम्पारण सहित अन्य जिलों के 218 गांव जो दुर्गम क्षेत्र में हैं वहां भी सौर उर्जा के माध्यम से बिजली पहुंचाने के लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है।
फ्रेंचाइजी का काम बेकार…
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सर्वे का काम चल रहा है जो नवंबर 2017 तक कार्य पूरा कर लिया जाएगा। समय के अंदर काम पूरा करने के लिए विभाग को कार्यों की निगरानी करनी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कटिहार में कई गांव हैं जहां विद्युतिकरण (दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना) का कार्य शेष है। 2016 में इसकी स्वीकृति केंद्र सरकार से प्राप्त है। तथा मुजफ्फरपुर के 24 गांव और भागलपुर के 6 गांव जो फ्रेंचाइजी के क्षेत्र में पड़ते है वहां विद्युतीकरण काम रुका हुआ है। उसे भी हम जल्द पूरा कर लेने के प्रति प्रतिबद्ध हैं नीतीश ने कहा, ‘मेरी राय में फ्रेंचाइजी का काम ही बेकार है। राज्य सरकार की मंशा फ्रेंचाइजी से मुक्ति पाने की है। फ्रेंचाइजी वितरण प्रणाली के कारण ही कुछ गांवों का विद्युतीकरण का कार्य नहीं पूरा हो पाया है। उन्होंने कहा कि 7 निश्चय योजना के तहत घर-घर बिजली पहुंचाने की योजना का क्रियान्वयन शुरू कर दिया गया है।