भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की दक्षिण एशिया में अंतरिक्ष कूटनीति का सपना शुक्रवार को सच हो गया। ISRO ने श्रीहरिकोटा से दक्षिण एशिया संचार उपग्रह GSAT-9 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। मई 2014 में सत्ता में आने के बाद पीएम मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों से दक्षेस उपग्रह बनाने का आग्रह किया था जो पड़ोसी देशों को ‘भारत की ओर से उपहार’ के तौर पर दिया जा सके। पीएम नरेंद्र मोदी ने सैटलाइट के सफल लॉन्च के लिए वैज्ञानिकों को बधाई दी है।
I congratulate the team of scientists who worked hard for the successful launch of South Asia Satellite. We are very proud of them. @isro
— Narendra Modi (@narendramodi) May 5, 2017
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साउथ एशिया संचार उपग्रह के सफल लॉन्चिंग के बाद 6 सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसकी जानकारी दी। पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने दो साल पहले जो वादा किया था, उसे पूरा किया है। पीएम मोदी ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, मालदीव और श्रीलंका के राष्ट्राध्यक्षों के साथ उपग्रह के सफल लॉन्चिंग की जानकारी साझा की।
पीएम मोदी ने कहा, ‘हमने 2 साल पहले वादा किया था, आज उसे पूरा किया। यह दक्षिण एशिया में आपसी सहयोग की बड़ी शुरुआत है। इससे दक्षिण एशिया की करीब डेढ़ अरब आबादी को कई फायदा होगा।’ उन्होंने कहा, ‘इस सफल लॉन्चिंग का जश्न मनाने के लिए हम यहां हैं। हमें आगे भी ऐसे ही प्रयास करने की जरूरत है। अडवांस स्पेस टेक्नॉलजी से दक्षिण एशिया के लोगों को काफी जानकारी मिलेगी।’
उन्होंने कहा, ‘दक्षिण एशिया संचार उपग्रह के लॉन्च से असरदार संचार व्यवस्था, बेहतर बैंकिंग सर्विस, मौसम का अनुमान, मेडिकल सुविधा के लिए टेलिमेडिसिन आदि फायदे मिल सकते हैं।’ उन्होंने साथ ही इस उपग्रह को लॉन्च करने वाले इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई भी दी। उन्होने कहा, ‘हमारा लक्ष्य ‘सबका साथ सबका विकास’ है। यह उपग्रह क्षेत्र में विकास और शांति लाएगा। इससे सहयोग बढ़ेगा। विनाश नहीं विकास आएगा। गरीबी नहीं संपन्नता बढ़ेगी।’
Even sky is not limit whn it comes to regional cooperation.Sabka Saath, Sabka Vikas can be guiding light for action&cooperation in region:PM pic.twitter.com/hUEFfMezbh
— ANI (@ANI_news) May 5, 2017
इस अवसर पर 6 अन्य देशों के हेड ऑफ स्टेट ने भी भारत और पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा, ‘क्षेत्रीय सहयोग के लिए भारत के इस प्रयास की तारीफ होनी चाहिए। गरीबों और वंचितों के लिए काम करना जरूरी है। साथ रहकर हम विकास कर सकते हैं। इस उपग्रह से प्रकृति को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है। अब जमीन से ही नहीं बल्कि आसमान से भी ज्यादा सहयोग बढ़ेगा।’
बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने कहा, ‘ इस लॉन्च से हमारे आपसी रिश्ते मजबूत होंगे। इससे लोगों को आपस में जोड़ा जा सकेगा। लैंड, वॉटर और स्पेस में हमारा आपसी सहयोग बढ़ेगा।’ भूटान के पीएम शेरिंग तोबगे ने कहा, ‘दक्षिण एशिया उपग्रह लॉन्च ऐतिहासिक पल है। यह दुनिया के इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि है। भारत को इसके लिए बधाई। आपसी सहयोग के लिए यह बड़ा कदम है। सैटलाइट बेस्ट संचार अब जरूरी हो गया है। हमारे क्षेत्र के लिए यह बेहतर होगा। यह भूटान जैसे देश के लिए काफी अहम होगा।’
इस अवसर पर 6 अन्य देशों के हेड ऑफ स्टेट ने भी भारत और पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा, ‘क्षेत्रीय सहयोग के लिए भारत के इस प्रयास की तारीफ होनी चाहिए। गरीबों और वंचितों के लिए काम करना जरूरी है। साथ रहकर हम विकास कर सकते हैं। इस उपग्रह से प्रकृति को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है। अब जमीन से ही नहीं बल्कि आसमान से भी ज्यादा सहयोग बढ़ेगा।’
बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने कहा, ‘ इस लॉन्च से हमारे आपसी रिश्ते मजबूत होंगे। इससे लोगों को आपस में जोड़ा जा सकेगा। लैंड, वॉटर और स्पेस में हमारा आपसी सहयोग बढ़ेगा।’ भूटान के पीएम शेरिंग तोबगे ने कहा, ‘दक्षिण एशिया उपग्रह लॉन्च ऐतिहासिक पल है। यह दुनिया के इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि है। भारत को इसके लिए बधाई। आपसी सहयोग के लिए यह बड़ा कदम है। सैटलाइट बेस्ट संचार अब जरूरी हो गया है। हमारे क्षेत्र के लिए यह बेहतर होगा। यह भूटान जैसे देश के लिए काफी अहम होगा।’
मालदीव के राष्ट्रपति यमीन अब्दुल गयूम ने कहा, ‘दक्षिण एशिया में यह ‘सबका साथ सबका विकास’ है। यह सैटलाइट इस क्षेत्र के लिए काफी अहम होगा। यह पीएम मोदी का शानदार विजन है। इससे क्षेत्र के जनता के बीच सहयोग बढ़ेगा।’
नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने इस शानदार लॉन्चिंग के लिए भारत को बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘यह क्षेत्र के विकास और टेलिमेडिसिन और आपदा प्रबंधन के लिए बेहतर होगा। संचार सेवा के लिए भी यह उपग्रह बेहतरीन होगा।’
श्रीलंका के राष्ट्रपति एम सिरीसेना ने भी कहा, ‘यह लॉन्च सभी सार्क देशों के लिए फायदेमंद होगा। शिक्षा, पर्यावरण, मौसम अनुमान के लिए लाभदायक होगा। यह क्षेत्र के लोगों को अच्छा जीवन देगा।’